लेकिन
कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था आज की दास्तां हमारी है -गुलजार
Monday, August 19, 2019
डायरी
पिछली बरसात में
डायरी के कुछ पन्ने
गीले हो गए थे
पर उस पन्ने को मैंने
गीला होने से बचा लिया था
जिस पर तुम्हारा नाम दर्ज था
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